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बूचड़खानों की नहीं, मैं अभयारण्यों वाली दुनिया में रहना चाहती हूं! मैं ऐसी दुनिया में रहना चाहती हूं जहां जानवरों को देखा और प्यार किया जा रहा है कि वे कौन हैं, न कि वे कैसा स्वाद देते हैं। मैं ऐसी दुनिया में रहना चाहती हूं जहां सूअरों के नाम हों, प्रति पाउंड कीमत नहीं। यह मेरा एक ही सपना है और मैं इसके लिए लड़ूंगी, जब तक यह दुनिया मेरी नहीं ह्जो जाए, जब तक यह दुनिया उनकी नहीं हो जाए।